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Kumar Kishan

Romance

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Kumar Kishan

Romance

मेरे अल्फाज

मेरे अल्फाज

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मेरे दिल को तोड़कर

कहाँ जाओगी ?

कभी ना कभी मुझे

याद करोगी


यह दीवाना तेरा

पीछा ना छोड़ेगा

चाहे मुझे पर कितना

भी सितम कर जाओगी


कुसूर यही है मेरा

तुझसे दिल लगाया है

पर कमबख्त, इस दिल को

तेरा ही चेहरा भाया है।


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