मेरा सपना
मेरा सपना
वही तो है एक हसरत,
मेरे टूटते सपनों की आशा,
छोटी सी नादान, मासूम, चंचल,
अबोध बालिका मेरी अविचल,
बड़ी दुआओं से मांगा जिसे
जिसके सपने संजोए हुए थे
जब वह इस जहां में आई,
तो मेरे घर आंगन में लगा
जैसे चारों ओर उजाला हो गया,
सपनों को लगा जैसे
कोई सहारा मिल गया,
वो तो मेरी सूनी
ज़िन्दगी की एक आस है,
वही तो है जो मेरे दिल के पास है
सबसे करीब ओर खास है,
वही तो है जो सींचेगी
मेरे सपनों को
अपनी लगन से,
अपने करम से,
मेरे जो अधूरे पड़े सपने हैं
उनको पूरा करेगी वो
कहती हूँ मैं दिल और मन से।