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Sonam Kewat

Inspirational

4  

Sonam Kewat

Inspirational

मेरा निर्णय

मेरा निर्णय

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जिंदगी में दो रास्तों पर निर्णय मेरा था, 

कि मुझे किस रास्ते पर चलना था। 

एक रास्ते पर लोगों के ख्वाब थे और, 

दूसरे पर मुझे मेरे सपनों को बुनना था।


रिश्तो की उलझनों में था और, 

दूसरों के दिखाएं रास्ते पर चल दिया। 

सब को खुश करना चाहता था, 

बस खुदा के वास्ते निकल दिया।


सब कुछ मिला मुझे उस रास्ते पर,  

लेकिन खुशियां कभी मिलीं नहीं। 

काम तो मैं तब भी कर रहा था, 

पर सपनों की झलक कहीं दिखी नहीं।


दूसरा मौका मिला एक निर्णय का, 

सोचा खुद के लिए अब कुछ करो। 

खुशियों के चक्कर से निकलकर, 

थोड़ा खुद को भी तो खुश करो।


वो अपने भी अब मुकर रहे थे, 

मैंने जिनके रास्तों पे कदम रखा था। 

रिश्तों की कड़वाहट का स्वाद, 

उस वक्त मैंने भी थोड़ा सा चखा था।


कोई नहीं था साथ सपनों में मेरे बस, 

खुदा पर एकमात्र मुझे भरोसा था। 

सपनों की तरह चलता था दिन भर, 

और रातों में मैं अकेला ही रोता था।


मेरे निर्णय ने एक नया नाम दिया 

आज हर किसी को गर्व है मुझ पर, 

फिर समझा नामुमकिन कुछ भी नहीं 

अगर भरोसा है हमें खुद पर। 


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