मेरा मुझ में कुछ नहीं
मेरा मुझ में कुछ नहीं
सिर्फ आपकी ही तो हूँ
मेरा मुझ में कुछ नहीं
ये माँग में मेरी सिंदूर भरा
वो है तेरे नाम का
ये माथे मेरे बिंदिया चमके
वो है तेरे नाम की
ये गले में मेरे मंगलसूत्र दमकता
वो है तेरे नाम का
ये हाथों मेरे चूड़ी खनके
वो है तेरे नाम की
ये पाँव में मेरे पायल खनके
वो है तेरे नाम की
ये उंगली में बिछिया शोभते
वो है तेरे नाम के
ये नाम भी मेरा, मेरा नहीं
वो भी तेरे नाम से
ये मैं न अब मैं नहीं रही
अब वो भी तेरे नाम की।।