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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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मेरा मग मोड़ने वाले।

मेरा मग मोड़ने वाले।

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मेरा मग मोड़ने वाले मेरी मंजिल बता देना


ना जानूँ राह आगे की ना कोई साथ है मेरे

तुम्हारा आसरा केवल मेरी मंजिल मिला देना


यह कैसी बात है बोलो समझ में है नहीं आती

निगाहें चार कर मुझसे निगाहें फिर चुरा लेना


यहाँ सुनसान है साथी और लंबी राह है आगे

उठाते पांव डिगते हैं जरा बाँहें बढ़ा देना


न जानूँ योग की भाषा न जानूँ रीति पूजा की

तुम्हारी याद है दिल में हमें भी ना भुला देना


तड़पते भाव हैं दिल में नयन में अश्रु की माला

हृदय में प्यार का दरिया यही सौगात ले लेना।


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