मेरा लाड़ला
मेरा लाड़ला
मेरा लाड़ला :-
जाने कब इतना बड़ा हो गया ,
अभी और मन भर देख तो लेती।
कब गोदी से उतर,साइकल दौड़ाने लगा
अभी और उँगली पकड़ चला तो लेती ।
स्वाद भी आ गया तुझे खुद से खाने का
अभी और हाथों के निवाले खिला तो लेती ।
“मैं ट्राई करूँगा”कहते तु सब करने लगा
मम्मा और थोड़ी ‘न्यू थिंगस’सिखा तो लेती ।
लाड़ का है तु ,डाँट भी खा लेता है
अभी और तुझे सबसे बचा तो लेती ।
अकेले जाने दूँ कहीं, मन नहीं मानता
अभी और आँचल में अपने छिपा तो लेती ।
इतनी भी क्या जल्दी थी बड़ा होने की
और तेरा रूप आँखो में बसा तो लेती ।
