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SANJAY SALVI

Romance

3  

SANJAY SALVI

Romance

मेरा जीवन

मेरा जीवन

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मेरे जीने की उम्मीद है तू,

पीपल की घनी सी छाँव हे तू,

लहाराती जैसे पवन है तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


उगता हुवा सूरज है तू,

उस सूरज की किरण है तू,

उजाला तू और शाम भी तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


चंदा जैसे शीतल है तू,

चांदनी की चमचम है तू,

चंद्रमा से भी सुंदर है तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


फूलों की बहार है तू,

चंदन सी एक महक है तू,

तितली जैसी मनमोहक तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


मेरा मंदिर तू मेरी मस्जिद तू,

गिरजाघर मेरा गुरुद्वारा तू,

मेरे मान मंदिर की पूजा है तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


मेरी पर्व, तू मेरी पश्चिम,

तू उत्तर, दक्षिण सारी दिशा है तू,

मेरे जिंदगी की पूरी कायनात है तू,

मेरे लिये मेरा जीवन है तू।


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