मेरा बचपन
मेरा बचपन
बचपन का जब जिक्र हुआ
ताजा हो गई सब यादें।
जब निश्छल मन था मेरा
अब हो गए झूठे वादे।
कभी अश्कों भरी आँखें,
कभी हँसते हुए चहरे।
अब रिश्ते हुए बेमानी,
तब रिश्ते थे बड़े गहरे।
मेरे ज़र्रे -ज़र्रे से
निकलती हैं यही बातें,
कोई लौटा दे मेरा बचपन
मेरे बचपन की वो यादें।
