मेरा अंतर्मन
मेरा अंतर्मन
सत्यता की प्रतिमूर्ति
गुरु, ईश्वर, माता-पिता, सगे संबंधी
आस-पड़ोस, मैं या मेरा अंतर्मन......
न जाने किस स्थिति में हूं मैं
संघर्षरत हूं अपनों के बीच
दशा बड़ी भयावह है
उम्र का पड़ाव समापन की ओर है
हितैषी सम्मुख छवि पर मुस्कुरा रहे है
आने वाली पीढ़ियां
मुझे अपना आदर्श बना चुकी है
नैतिकता संबंधी आचरण करने वाले
आज मुझ पर दोषारोपण कर रहे है
आपाधापी की बू अब कोने-कोने में फैल चुकी है
इसी दुर्गन्ध से आने वाली नस्लों का विभेदीकरण होगा
न जाने कब तक इस बीमारी का अंतरण होगा
न जाने कब तक............
