मदहोशियाॅ॑
मदहोशियाॅ॑
छाई कैसी ये मदहोशियाॅ॑।
कैसी हैं ये अब खामोशियाॅ॑।
नशा किसका है चढ़ गया।
ये जादू कौन है कर गया।
किसी में प्यार की हैं खुमारियाॅ॑।
न जाने कैसे करते हैं दिलदरियाॅ॑।
दौलत का नशा चढ़ा है किसी पर।
इठलाता है ऊॅ॑ची अट्टालिकाओं पर।
कुछ डूबे आज राजनीति के मद में।
कुछ मदहोश हैं ऊॅ॑चे रुतबे के पद में।
किसी भी चीज का घमंड बुरा है।
मानवता के प्रति पाखंड बुरा है।
मानव हो मानव ही रहिए।
हर मदहोशी से दूर ही रहिए।
मदहोशी का दौर बुरा है।
मद का अपना ठौर बुरा है।
मद में कभी मत मदहोश होइए।
अनमोल है जीवन मत इसे खोइए।