मछली खुद कह रही है
मछली खुद कह रही है
मछली
जल के बिना
एक पल को भी
जिन्दा नहीं रह सकती पर
मछली
खुद कह रही है कि
उसे इस जल से बाहर
कोई निकालो
यह दूषित जल है
इस जहरीले वातावरण में
सांस लेना दूभर है
इससे तो अच्छा है
इस विष उगलते
समाज और लोगों के
चंगुल से बाहर निकलकर
आत्मसम्मान से
पर्याप्त साधन मिलने पर
या तो जीना या फिर
एक इज्जत की मौत मरना।