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Atul Vishal

Tragedy

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Atul Vishal

Tragedy

मौत की पटरी

मौत की पटरी

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मीलों चल कर, थक कर आँख लगी होगी ,

दो करवट बदली होगी और साँस चली

गयी होगी |


दो वक़्त का खाना, चंद रूपए और

मुट्ठी भर हौसला लेकर ज़िन्दगी पटरी पे

चली होगी |

बेवक़्त आयी मौत ने सब बिखेर दी होगी |


टूटा होगा सपना, बुझी होगी कोई चिराग,

पर किसे परवाह इस बात की

न्यूज़ चैनल्स पे तो बस बहस ही चली होगी |


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