खुद्दारी
खुद्दारी
बड़े बदले हुए से हैं मिज़ाज़ ,
घर से होकर आए हैं क्या ?
बस्ते से भीनी खुशबू आ रही है
माँ के हाथों के बने पकवान
की सौगात लाए हैं क्या ?
सुना था बूढ़ी माँ बीमार पड़ी थी,
इस बार साथ लाए हैं क्या ?
मिनी की शादी में माँ की पुरानी
साड़ी में तस्वीर देख झल्ला रहे थे,
इस बार नयी साड़ी दे आए हैं क्या ?
बाबा के हफनी का माँ के बताने
पे गम्भीरता दिखा रहे थे ,
चापाकल के जगह मोटर लगवा आए हैं क्या ?
सुना हैं ज़िद पाल रखे हैं
शहर में पलायन की,
इस बात पे सब से फिर लड़ आए हैं क्या ?
जहां सीखा था पहली
बार गिर के चलना ,
उस बचपन के आँगन की
सौदे की बात कर आए क्या ?
यू तो जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ने
की आदत पुरानी रही है,
घर की देहलीज़ पार करते
अपनी पहचान फिर से छोड़ आए हैं क्या ?