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मानव सिंह राणा 'सुओम'

Inspirational

4.5  

मानव सिंह राणा 'सुओम'

Inspirational

मौत बुलावा

मौत बुलावा

1 min
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अधर्म पर हों मौन, रक्त में उबाल न जिनके आता है 

भीष्म, कर्ण या हों द्रोण, उन्हें मौत बुलावा आता है


कर्मफल मिलना है सबको, यही गीता समझाती है

धर्म के पालनहारों ने भी झेले है कष्ट बताती है

सौ गलती के बाद शिशु वध हो ही जाता है....


राज की बात समझ लो तुम दुनिया में सब कुछ फानी है

पुरुषोत्तम श्री राम गमन वन अमिट कहानी है

अपनी बर्बादी तू हर पल खुद लिखता जाता है.....


तुम लाख नहीं बदलो मन को, मृत्यु सबकी ही आनी हैं

राम बचे ना रावण यही काल की रीति पुरानी है 

सत मार्ग पर चलकर, मृत्यु को जीता जाता है....


एक अलख जगाओ तो, सेवा धर्म बना लो तुम

मानव का मानव से एक रिश्ता बना लो तुम

जीवन का सार यही, समझ सबको नहीं आता है....


पल पल उमरिया घटती, घटती ही जाती है

स्वार्थ के रिश्तों की यही, पहचान कराती है

'सुओम' तू हुआ बावरा है क्यों तू समझ न पाता है .....


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