मौत औऱ मोहब्बत.....!
मौत औऱ मोहब्बत.....!
ये रास्ते हैं
मेरी ज़िन्दगी
पर मंजिल
मौत हैं
मोहब्बत हैं
जिससे
वो महबूब
मौत हैं
जिस्म को
टुकड़ा-टुकड़ा
कर दो
दर्द नहीं होता
वो खुसनसीब
मौत हैं
छोड़ देती हैं
यूँ ही
रास्तों पे ज़िन्दगी
जो साथ
ले जाती हैं
वो दोस्ती
मौत हैं।