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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract Inspirational

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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract Inspirational

मौन

मौन

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 मौन तो, केवल मन से है।


जीवन की आपाधापी में,

कलह,

क्यों........?

मन-मन है।


मौन तो,

      केवल मन से है।


कौन जीत गया।

कौन हार गया।

एक लड़ रहा।

एक तैयार खड़ा।


यह सारी,

क्या........?

भागमभागी है।


जो चुप न रहा।

जो कहता ही रहा।

यह शब्द भी,

बहुत खुरापाती है।


जो समझ गया।

और मौन रहा।।


मन को मथ ,

ज्ञान रत्न वो ढूंढ गया।


शोर -शोर में सब गया।

मन को तो, कुछ न मिला।


जीवन मंथन,

जब-जब किया।

मौन को, मन में जब धरा।


लेश यहीं ही बाकी है।

शेष यहीं ही बाकी है।।


मौन तो,

     केवल मन से है।

मौन तो केवल मन से है।।

         


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