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Amit Singhal "Aseemit"

Romance

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Amit Singhal "Aseemit"

Romance

मैंने पूछा चाँद से

मैंने पूछा चाँद से

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मैंने पूछा चाँद से, तू मुझे उसका हाल सुनायेगा क्या?

तू सबके काम करता है, मेरा एक काम करेगा क्या?


मेरी प्रियतमा का हाल देखकर बता, दूर देस रहे जो।

जिस दर्द से मैं गुज़रूं, बता क्या उसी दर्द को सहे वो?


मुझे उसकी याद सताये, वो भी मुझको याद करे क्या?

मैं तारे गिनकर रात बिताऊं, वो रात में गिने तारे क्या?


मैं रात भर करवटें बदलूं, वो करवटें बदले रातभर क्या?

मैं रोकर समय गुज़ारूं, वो भी समय गुज़ारे रोकर क्या?


मेरे चाँद बता, तेरे पास चाँदनी और तारों की बारात है।

तो मेरे पास क्यूँ तन्हाई और अंधेरी काली सूनी रात है?


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