जी चाहता है
जी चाहता है
जी चाहता है कि
इस बारिश में तुम्हारे साथ भीगूँ
छप छप करते हुए।
हम दोनों भागें
सुनसान सड़क पर
पकड़ कर एक दूसरे का हाथ।
तुम्हारे बालों से गिरते पानी को
महसूस करूँ
अपने चेहरे पर।
तुम्हारे ओठों पर
बारिश की बूँदों को
चातक की तरह
पी जाऊँ।
तुम्हारे भीगे बदन पर
कर दूँ हस्ताक्षर
अपनी शरारत के।
और हम दोनों गुम हों जाएँ
बरसते बादलों के बीच
जी चाहता है।