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Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

Inspirational

मैं या वो

मैं या वो

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आज मुझसे मेरा मैं सवाल पूछे,

कैसा रहा जिंदगी का सफर,

कैसी रही खुद से खुद दूरी,

कितना खोया कितना पाया

कितना इस धरा पे कमाया।

आज मुझसे मेरा मैं हिसाब मांगे,

कितना चले हो कितना और चलना,

खुद से अभी कितना भागना,

आज हर पल का ये हिसाब मांगे

इस टकराव से हम कुछ भागे,

पर मैं भी यू साथ ही भागे,

मुझसे ही ये हिसाब मांगे,

जब जीत गए सब भौतिकता की जंग,

तू क्यो फिर यू पीछे पीछे

मैंने कहा को हैं तू,

क्यो तू ये हिसाब मांगे

मैं तो मुझमे हैं नही

बस केवल वही है, 

जिसने मुझे बनाया,

मुझे सजाया,

बस वही हैं ,बस वही है,

सर्वानंद से भरपूर,

बस एक वही है,

जो गलाता है, बनाता है,

निखारता है, सजाता है।

बस यही है सर्वस्व,बस यही है,

जो खुद को मैं में खोने नही देता,

बस देता है,बस देता है,

बस प्रेम,प्रसन्ता,और धरा की सुंदरता।।


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