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AVINASH KUMAR

Romance

4  

AVINASH KUMAR

Romance

मैं वहीं मिलूंगा तुमको

मैं वहीं मिलूंगा तुमको

2 mins
531



वो जो मेरे साथ दो साल तुमने गुज़ारे थे

वो जो उन लम्हों में हम साथ साथ रहे थे

वो जो हर दिन तुमको देखने की तमन्ना थी

वो जो सात से दो स्कूल की भीड़ भाड़ में

तुमसे नज़रों में कुछ कहने की तमन्ना थी

वो तुम्हारे चेहरे पर तुम्हारी जो धड़कने आती थीं

वो जो तुम मुझसे खामोशी में कहना चाहतीं थीं

वो जो इक मिठास सी आती थी तुम्हारी मुस्कुराहट से

वो जो तुम्हारे हर सूट का रंग मुझे याद हो जाता था

वो जो तुम घर पहुंच कर हर रोज़ हरपल चैटिंग करतीं थीं

वो जो तुम देर रात तक मेरी खबर लिया करतीं थीं

वो जो तुम बताती थीं कि ज़िन्दगी कितनी कठिन है

वो जो उस ज़िन्दगी में तुम मुझे अपना बतातीं थीं


सच बताऊँ...


तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था

वो दो साल जिनमें तुम मेरी थीं, उनमें अब किसी और की नहीं हो सकतीं 

उन्हीं दो साल के हर एक पल को धीरे धीरे रोज़ बिताता हूँ

ज़िन्दगी कभी फुरसत दे और तुम्हारे अपने कभी तुम्हें इजाज़त दें

तो लौट कर इन्हीं दो सालों में आ जाना, 

तुम गुलाबी सूट पहन के 

मैं काली शर्ट पहन कर तुम्हारा वहीं इंतज़ार करूँगा जहां हम कुछ कदम चले थे

क्योंकि एक वही समय है जहां मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर चल सकता हूँ बेफिक्र

क्योंकि उन दो सालों में तुम मेरी थी और हमेशा मेरी रहोगी....

जरूर आना.... मैं वहीं मिलूंगा तुमको....


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