मैं टूटता हुआ तारा तुम मन्नत
मैं टूटता हुआ तारा तुम मन्नत
मैं टूटता हुआ तारा बन जाऊँ
तुम खुद की मन्नत सी बन जाना।
मैं खँडहर सी इक दीवार बन जाऊँ
तुम खुद की जन्नत सी बन जाना।
मैं सूखा हुआ पेड़ बन जाऊँ
तुम बसंत बहार सी बन जाना।
मैं जलती हुयी बदरा बन जाऊँ
तुम सावन की फुहार सी बन जाना।
मैं सूखा हुआ कुआँ बन जाऊँ
तुम लहराती दरिया सी बन जाना।
मैं नीम सा कड़वा बन जाऊँ
तुम चंदन सी महक जाना।
मैं नागफनी सा कटीला बन जाऊँ
तुम छुई-मुई सी बन जाना।
मैं घोर रात अमावस की बन जाऊँ
तुम चांदनी रात सी चमक जाना।

