मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार
मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार
मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार
वह था अनजाना सा,
राहें उसकी बेगानी,
मिले जब वो हमसे, शुरू हुई कहानी l
प्यार की यह उलझन ले जायेगी किस ओर,
मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार l
उनसे भी प्यारा था वह एहसास,
जो भर गयी कण कण में प्यास,
प्यार के पल हुए कुछ ऐसे खास,
उनके दीदार हुए मेरे आस पास,
बे -मौसम मेरे आँसूं कर गये बौछार,
मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार l
राहों ने आवाज लगायी,
पर मैं उन तक पहुँच न पायी l
ढाई अक्षर ने यूँ जोड़ा,
मैं बनी प्रेम की प्रेमिका,
बह गयी प्रेम में मैं बनकर राधा व मीरा,
मैं तो जानती हूँ बस इतना यार, प्रेमी से बड़ा है प्यार l