मैं कमजोर नहीं हूं
मैं कमजोर नहीं हूं
मेरा कल पता नहीं कैसा होगा
जो देखा है शायद वैसा होगा
कोशिश तो मैं हजार करूंगी
समझो मेरे सपनों जैसा होगा
सब कुछ अभी सहती रहूंगी
मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी
वक्त का हिसाब होगा तो
मैं भी अपना हिसाब करूंगी
मेरी चुप्पी मेरी कमजोरी नहीं
सपने देखने में कोई चोरी नहीं
लोगों को कहने से डर जाऊं
अरे ऐसी भी मैं कोई छोरी नहीं
बड़े से बड़ा सपना देखा है मैंने
यूं गिरकर उठना सीखा है मैंने
तुम मुझे आजमा कर देख लो
किस्मत को खुद ही लिखा है मैंने
तुम मुझे कमजोर समझते रहो
मैं गलत साबित करके दिखाऊंगी
मैं भी किसी से कम नहीं
नामुमकिन भी करके दिखाऊंगी।