STORYMIRROR

संजय असवाल "नूतन"

Inspirational Others Children

4  

संजय असवाल "नूतन"

Inspirational Others Children

मैं जंगल का राजा

मैं जंगल का राजा

1 min
21

मैं जंगल का राजा हूं

खाता मांस मैं ताजा हूं

देख मुझे सब डर जाते

जब मैं आता जाता हूं।


लंबी लंबी मूंछ है मेरी

तेज नुकीले दांत

मेरी दहाड़ पर थर थर कांपे

हांथी हो या सांप।


नही जंगल में कोई मुझ जैसा

मैं जंगल की शान

मैं निराला हिम्मत वाला 

देता सबको ज्ञान।


ना घमंड मुझे अपनी ताकत का

ना बल मैं अपना दिखलाता 

साथ रहो सब मिलजुल कर

यही पाठ मैं सिखलाता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational