मैं जंगल का राजा
मैं जंगल का राजा
मैं जंगल का राजा हूं
खाता मांस मैं ताजा हूं
देख मुझे सब डर जाते
जब मैं आता जाता हूं।
लंबी लंबी मूंछ है मेरी
तेज नुकीले दांत
मेरी दहाड़ पर थर थर कांपे
हांथी हो या सांप।
नही जंगल में कोई मुझ जैसा
मैं जंगल की शान
मैं निराला हिम्मत वाला
देता सबको ज्ञान।
ना घमंड मुझे अपनी ताकत का
ना बल मैं अपना दिखलाता
साथ रहो सब मिलजुल कर
यही पाठ मैं सिखलाता।
