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Dipaali Pralhad

Drama Fantasy

4.5  

Dipaali Pralhad

Drama Fantasy

मैं हूँ जैसी...

मैं हूँ जैसी...

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मैं हूँ जैसी वैसे कोई मुझे चाहे

हवा का झोंका छुके चला जाए

पर यूं तो मैं हवा नहीं

दिल को छुकर रूह में ऊतर जाऊं

हूँ मैं ऐसी


लफ्ज़ों की ज़रूरत क्या

आँखे बयाँ करती हैं दिल का फसाना

कोई आँखे पढ ले तो मानूं


यूं तो मैं इत्र हूँ रब का

एहसास हो तो कोई जाने

इत्र मेरा कोई खुशबू नहीं

फूलों के मुरझाने से चला जाए

हूँ मैं ऐसी...

मैं हूँ जैसी

वैसे कोई मुझे चाहे...।



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