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Akshay kumar

Inspirational Others

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Akshay kumar

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मैं बिहार हूँ

मैं बिहार हूँ

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बात अगर ये शुरू हुई है,

तो दूर तलक ये जाएगी।

बात जो मन में चुभी हुई थी,

वो आज निकल कर आएगी।


बिहार हूँ मैं, डरा सहमा सा,

खड़ा हूँ पर स्वाभिमान से।

ना जाने क्यों बेहाल सा हूँ,

सबके कटु बयान से।


शिक्षा की जननी है जो,

वो नालंदा बिहार है।

मीठे लीची की जननी भी,

मुज़फ़्फ़रपुर बिहार है।


हुआ लोकतंत्र का उदय जहाँ,

वो वैशाली बिहार है,

मधुबनी चित्रकला का उत्थान जहाँ है,

वो मिथिला बिहार है।


हर समुदाय के लोग यहाँ,

फिर भी एकता का प्रमाण हूँ।

भारतवर्ष के शीर्ष पर,

मुकुट सा विराजमान हूँ।


माँझी सा ज़िद्दी हूँ मैं,

नागार्जुन सा कीर्तिमान हूँ।

फिर भी, ना जाने क्यों,

चारों ओर बदनाम हूँ।


और सुनो....


नेत्र खोलो, देखो मुझे,

मैं अचल-अडिग पहाड़ हूँ।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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