जब हम मिलेंगे
जब हम मिलेंगे
जब हम मिलेंगे, तो क्या हरकतें होंगी हमारी ?
सोचा है ?
जब हम मिलेंगे,
मेरी आँखें तुम्हारी आँखों के समंदर में समा कर
तुमसे ये बतायेंगी, की मैंने लम्हा तुम्हें कितना याद किया है।
जब हम मिलेंगे,
तुम्हें देख कर मेरी धड़कने तेज़ हो जाएंगी और जब
तुम मुझे गले से लगाओगी तो जैसे वो लम्हा ठहर सा ही जायेगा,
और बेशक....मैं भी यही चाहता हूँ
जब हम मिलेंगे,
तुम्हारी मुस्कुराहट को देख मैं किसी मदहोशी में खो जाऊँगा,
और फिर तुम्हें सीने से लगा कर वो सारी कसर पूरी करूँगा,
और उस वक़्त का हर एक लम्हा ये कहेगा कि
हाँ....! तुम्हें मैंने बहुत याद किया।
जब हम मिलेंगे,
हो सके कोई बात थोड़ी सी तल्ख होने पर,
तुम नाक और आँख सिकोड़ कर मुझे डराओगी,
पर वो हरकत मेरे लिए बैसाख वाली वर्षा की तरह होगी।
ये सब मेरी कल्पनायें नहीं हैं, मेरा सत्य है, जो तुमसे बार बार कहेगा कि,
तुम और तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर एक पल, मुझे कितना याद आता है।
जब हम मिलेंगे।

