Medico by profession and a hindi poet and writer by passion.
नेत्र खोलो देखो मुझे, इस सृष्टि का रचयिता, समय हूँ मैं। नेत्र खोलो देखो मुझे, इस सृष्टि का रचयिता, समय हूँ मैं।
शिक्षा की जननी है जो, वो नालंदा बिहार है। शिक्षा की जननी है जो, वो नालंदा बिहार है।
तुम मुझे गले से लगाओगी तो जैसे वो लम्हा ठहर सा ही जायेगा तुम मुझे गले से लगाओगी तो जैसे वो लम्हा ठहर सा ही जायेगा
ऐसा ही एक स्टोररूम हमारे दिल और दिमाग में भी होता है ऐसा ही एक स्टोररूम हमारे दिल और दिमाग में भी होता है
इस अधूरी कविता को पूरा कर सकता है मुझे उस ही एक पल का इंतज़ार है। इस अधूरी कविता को पूरा कर सकता है मुझे उस ही एक पल का इंतज़ार है।