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Neha Kumari

Inspirational

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Neha Kumari

Inspirational

मैं भी जीना चाहती हूं

मैं भी जीना चाहती हूं

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मैं बेटी हूं मैं भी जीना चाहती हूं

अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूं

बाबुल के आंगन की बगिया में मैं भी खेलना चाहती हूं

मां का प्यार भरा आंचल में मैं भी पढ़ना चाहती हूं

मैं कुछ कहना चाहती हूं

मैं भी जीना चाहती हूं।


आसमान की तारा बनना चाहती हूं

बाबुल की आंगन की तुलसी बनकर मैं भी बनना चाहती हूं

अपने मां के काम में हाथ बटाना चाहती हूं

मान अपने घर का मैं बढ़ाना चाहती हूं

मैं भी जीना चाहती हूं।


चिड़ियों जैसी चार चक्कर मैं भी उड़ना चाहती हूं

फूलों जैसी महक महक कर मैं भी खेलना चाहती हूं

मां बाप का प्यार दुलार में भी पाना चाहती हूं

एक छोटा सा कोना मैं भी चाहती हूं

मैं भी जीना चाहती हूं


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