यारों के साथ कक्षा की आखिरी बैंच पे कागज़ की नाव बनानी है यारों के साथ कक्षा की आखिरी बैंच पे कागज़ की नाव बनानी है
रोज़ सुबह उठना रोज़ सुबह उठना
एक नई उमंग के साथ, आज फिर मचलने दो। एक नई उमंग के साथ, आज फिर मचलने दो।
मिट्टी के खिलौने बनाना धूल में लेटना मिट्टी के खिलौने बनाना धूल में लेटना
फूलों जैसी महक महक कर मैं भी खेलना चाहती हूं फूलों जैसी महक महक कर मैं भी खेलना चाहती हूं
याद आता है बचपन का साथ, मिलकर सोना, उठना, खाना और खेलना, याद आता है बचपन का साथ, मिलकर सोना, उठना, खाना और खेलना,