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बहुत अच्छे थे
बहुत अच्छे थे
बहुत अच्छे थे
बहुत अच्छे थे
बहुत अच्छे थे
वो पल
खेलना कूदना
छलांग पानी में लगाना
मिट्टी के खिलौने बनाना
धूल में लेटना
खेत खलिहान में घूमना
छुपना
रूठकर सो जाना
माँ से डाँट खाना।
सतरंगी थे
पल हमारे
पर आज नहीं
बस यादें ही बची है
आजकल।
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