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Kumar Kishan

Classics

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Kumar Kishan

Classics

मैं और मेरी तन्हाई

मैं और मेरी तन्हाई

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एक दिन मैंने अपनी

तन्हाई से पूछा

"यह जीवन क्या है ?


प्रेम, हर्ष, सफलता को पाना

ही जीवन है, या कुछ और

है यह जीवन ?"


तन्हाई हँसकर बोली

"सुख-दुःख, हर्ष-विषाद और

प्रेम-विरह का संगम ही तो

जीवन है, और

जिस दिन मानव इसे समझेगा।


मुझे पाकर भी खुश रहेगा।


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