मैं और मेरी कविता
मैं और मेरी कविता
मेरे होने का सुबूत है
जब मैं कविता में नही हूँ
तो समझो भटक गया हूँ।
कविता सुकून में होने का सुबूत है
कविता नहीं है तो सुकून भी नहीं
कविता मेरे इंसानियत का परिचय है
कविता मेरी स्वच्छंदता का प्रतीक है।
कविता मेरी उड़ान है
कविता एक सुख भरी थकान है
जिसमें ऊर्जा का प्रवाह
निरन्तरता को गति देता है।
कविता मेरी याद है
जो मुझको ही आनी है
बात बहुत साफ है
या तो मैं कविता हूँ
या उलझी कहानी।
जब मैं कविता में होता हूँ
तो मुझे कुछ और याद नहीं आता
तो कविता क्या है ?
मेरे जीने का आइना।