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Amit Tiwari

Tragedy

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Amit Tiwari

Tragedy

बलात्कार

बलात्कार

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मेरे पास वो दांत नहीं

मैं कैसे काटूँ तुम्हें

हाँ तुम्हारे पास दो बेहद पैने दांत हैं

तुम काट सकते हो।


जहां इज़ाजत का हक़ ख़त्म हो जाता है

वहां तक तुम जा सकते हो

ये मेरी हांफती हुई चीख है

और चाहो तो इसे सुन सकते हो।


हो सकता है बुझ चले दीपक में

एक नए प्रकाश का आह्वान हो

सूर्य भी अंधकार में उगता है

और फिर प्रकाश ही दृश्यगत होता है।


सूर्य होता है वहीं जहां होना चाहिए

हमारी दिशा परिवर्तित हो जाती है

ठीक वैसे ही जैसे अभी तुम।


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