STORYMIRROR

Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy

3  

Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy

मैली

मैली

1 min
213


आज फिर गांव में 

चर्चा हो रही थी, 

रामदई मैली हो गई थी

रामलाल ने                 

कर दिया मैला उसको,

बलात्कार कर 

उसकी आत्मा का 

राह अपनी चल दिया।

न जाने कितनी             

औरतों का स्पर्श 

वह करता रहा 

पर आज तक पवित्र है, 

और वह औरतें 

जिनका हुआ था स्पर्श                      

हो गईं मैली 

अपवित्र हो गई। 

कैसी विडंबना है यह 

पुरुष क्यों नहीं होता मैला, 

क्यों औरत ही 

झेलती है सारे दंश ,

आत्मा एक है 

शरीर एक है 

फिर क्यों 

यह भेद भाव

की राह जा रहा मानव,

मैला किसने किसको किया 

कौन किससे मैला हुआ?

द्वंद्व की चादर में लिपटा

एक सवाल है पुरुष।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy