मातृ-प्रेम
मातृ-प्रेम
टूटा-टूटा दिल ऐसा टूटा
रब जोड़ भी ना पाया,
तड़पा-तड़पा मन ऐसा तड़पा
सुख राह भुलाया।
मेरी धड़कन बस पूछे एक गल,
दस्सो तुम मेरी गुनाहे।
मैं भी देखू कितना है दम,
पर सच कोई बोल ना पाया।
प्रेमी छुटया यार छुटया ,
सब हो गए मुझ से पराए।
एक प्रेम जो है अब भी संग,
बस मात प्रेम साथ निभाया ।
खेला-कूदा तेरी गोद में,
जगा-सोया तेरी ममता में।
झूठी यारी झूठे वादों में,
मैंने तुझको ही भुलाया।
प्रेमी छुटया यार छुटया,
तब तूने साथ निभाया।
टूटा-टूटा दिल ऐसा टूटा,
रब जोड़ भी ना पाया,
तड़पा-तड़पा मन ऐसा तड़पा
सुख राह भुलाया !
