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Hemant Kumar Saxena

Abstract

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Hemant Kumar Saxena

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माता पिता की परछाइयाँ

माता पिता की परछाइयाँ

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ईर्ष्या ना करो दोस्तों,

माता पिता से, 

सारी जिंदगी लुटा दी,

जिन्होंने तुमको हँसा के। 


आज हो गये बड़े तुम,

तो ना इतराओ उनसे, 

आज हो आबाद तुम, 

उनकी वजह से। 


कद्र करो इनकी,

तुम इनको मना के, 

क्या होता है एहसास, 

माँ बाप के ना होने का।


ऐसे बच्चों से पूछो, 

तुम उनके पास जाके, 

ईर्ष्या ना करो दोस्तों, 

माता पिता से। 


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