माता-पिता का प्रेम
माता-पिता का प्रेम


माता-पिता का प्रेम ही तो सारे कमाल दिखाता है।
उलझनों से भरे रास्तों को मिनटों में सुलझाता है।।
माता-पिता अपने हर बच्चे का रखते हैं पूरा ध्यान।
एक बालक को माँ से ही मिलता है सच्चा ज्ञान।।
संस्कारी बच्चा ही हर पल देता है सभी को सम्मान।
निस्वार्थ भावना ह्रदय से सिखाती है करना खूब दान।।
माता-पिता का प्रेम ही तो..........................
माता-पिता का हमारे जीवन में है सबसे बड़ा रोल।
हर मुसीबत में हम लेते हैं उनके समक्ष जी खोल।।
उनके द्वारा प्रदान की गई सीख का नहीं है कोई मोल।
माता-पिता का पावन रिश्ता सच में है बड़ा अनमोल।।
माता-पि
ता का प्रेम ही तो..........................
माता-पिता में हमें भगवान् ही तो नज़र आते हैं।
बेझिझक, बेवज़ह हम उनके सिर पर ही इतराते हैं।।
हमारे द्वारा किए गए हर बुरे काम से वो हमें बचाते हैं।
जीवन में संतुलन बिठाना हम उन्हीं से सीख पाते हैं।।
माता-पिता का प्रेम ही तो..........................
माता-पिता की महानता का गुणगान मैं नहीं कर पाऊँगी।
उनके समक्ष मैं तो हर पल अपना शीश झुकाऊँगी।।
उनकी दुआओं से सदा जीवन में आगे बढ़ती जाऊँगी।
माता-पिता के समान आप सभी का सहयोग भी पाऊँगी।।
माता-पिता का प्रेम ही तो..........................