मार्ग-दर्शक।
मार्ग-दर्शक।
नहीं चाहिए आसरा इस जहां का, मुझको तेरा साथ चाहिए।
ठुकराए दुनिया तो कुछ गम नहीं, बस मुझको तेरा प्यार चाहिए।।
कहीं खुशियां हैं तो कहीं गम, मुझ पर बस तेरा ही करम।
मेरी चाहत की कोई परवाह नहीं, मुझे तो बस तेरा दीदार चाहिए।।
देख दुनिया के अद्भुत नजारे, जीने की चाहत सिर्फ तेरे सहारे।
थक चुका झूठी माया से, तेरे दिल में बस एक घर चाहिए।।
शिथिल होती जाती यह काया, समझ न सका तेरी यह माया।
डूब न जाए मेरी यह नौका, मुझे तो बस खेवनहार चाहिए।।
धीमी होती जाती अब मेरी चाल, मार्ग कठिन दु:ख बने विशाल।
"नीरज" के तुम ही "मार्गदर्शक", जीते जी तेरी दया की नजर चाहिए।।