STORYMIRROR

कुमार संदीप

Abstract Others

3  

कुमार संदीप

Abstract Others

मानो या ना मानो

मानो या ना मानो

1 min
215

मानो या ना मानो

मृत्यु है एक अटल सत्य

हमें एक दिन इस जग से

दूर बहुत दूर जाना पड़ेगा

हाँ हमें इस जग को छोड़कर जाना पड़ेगा।।


मानो या ना मानो

मृत्यु है एक अकाट्य सत्य

अपनों से दूर बहुत दूर

हमें एक दिन जाना पड़ेगा

हाँ हमें इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ेगा।।


मानो या ना मानो

हम एक दिन गहरी निद्रा में

सो जाएंगे फिर वापस हम

न उठ पाएंगे

हाँ हम इस जग को छोड़कर सर्वदा के लिए चले जाएंगे।।


मानो या ना मानो

एक दिन खटखटाएगी मृत्यु

दरवाजा और हमें उठकर जाना पड़ेगा

छोड़कर अपनों को हमें बहुत दूर जाना पड़ेगा

हाँ हमें इस जग को छोड़कर जाना पड़ेगा।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract