मांग भरना
मांग भरना
मांग भरना तो एक रिवाज़ भर है,
साथी का जीवन खुशियों से भरो
तो कोई बात बने ...
बस महज कहने को वचन सब लेते हैं ..
तुम ताउम्र हमकदम,हमदर्द बनो
तो कोई बात बने ...
शक ,शिकायत तो सब करते ...
तुम विश्वास बन सको तो,
कोई बात बने...
साथ मरने जीने की बड़ी-बड़ी बातें
तो हर कोई करता है...
तुम खुशहाल जिन्दगी की
हकीकत बनो,
तो कोई बात बने
अपेक्षाएं तो सभी करते ..
तुम साथी की खामोशी भी समझ सको
तो कोई बात बने ...
चेहरा तो सब देख पाते हैं ....
तुम चेहरे में लिख मोन को पढ पाओ ,
तो कोई बात बने ...
सच ही तो है ...
मांग भरना तो एक रिवाज़ भर है,
साथी का जीवन खुशियाँ से भरो ,
तो कोई बात बने............

