माँ
माँ
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
माँ अन्नपूर्णा,सरस्वती,माँ दुर्गा,रमा,महाकाली है l
बच्चों की खुशियां हेतु खुद को मिटा देने वाली है l
माँ हमपर दया,प्रेम,करुणा, ममता लुटाने वाली है l
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
माँ तो है प्रकृति का रूप,वह सृष्टि चलाने वाली है l
बच्चों को खुश देख के,माँ खुश हो जाने वाली है l
माँ खुश है तो बच्चे की हर रोज होली, दिवाली है l
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
बच्चे जिनका सम्मान करें वह माँ किस्मत वाली है l
बच्चे की रक्षा के लिए माँ बन जाती दुर्गा,काली है l
माँ बच्चों की खुशियों की रखवाली करने वाली है l
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
अपनी खुशियां निछावर करे बच्चों पर,माँ दानी है l
बच्चों का सदा हित चाहे जग में माँ कल्याणी है l
जैसी भी हो माँ बच्चे के लिए वह सदा ही ज्ञानी है l
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
जिनका कोई नहीं जग में,उनकी मां शेरावाली है l
हर परिस्थिति में करती सदा बच्चों की रखवाली है l
जिस घर होती नहीं माँ,वह घर ममता से खाली है l
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
बाग रूपी परिवार को संवारने मारने वाली माली है l
बच्चों के साथ बिना माँ का जीवन होता खाली है l
माँ तो बच्चों की सुख-दुख बाँटने वाली आली हैl
(आली =सखी )
माँ तो बस माँ होती है,माँ की महिमा निराली है l
जब तक है माँ का आशीष बेटियां मायके वाली है l
बच्चे के लिए हर दर्द से गुजर जाती माँ धैर्य वाली है l
माँ का करें सम्मान सदा, माँ तो जगतजननी है l