मां
मां
जो बिन कहे तुम्हारी हर बात समझ सके
मुस्कराहट का क्या है राज समझ सके
आँखो की नमी में तैरता दर्द जान ले
अनकहे लफ्जों का भी अर्थ जान ले
दुख में हमेशा साथ का सबब बन सके
खुशियों को जी पाने की वजह बन सके
हमारी तकलीफ उनके दिल की बन जाती है कसक
हमारी हँसी उनके चेहरे पे जाती है चहक
उनसे बड़ा कोई दोस्त नहीं ना कोई हमराज
उनसे ज्यादा तुम्हें कोई चाह सकता नहीं निस्वार्थ
माँ की जगह तो सिर्फ हो सकती है बस माँ
हमें बीज से वृक्ष बनाती वो अपनी हस्ती को मिटा