सूर साधना
सूर साधना
संगीत की दुनिया में रहेता हूं मै,
शोक का आलम मुझे पसंद नहीं,
शोक के आलम को हटाने के लिये मै,
कभी भी मायूस बनता नहीं।
सूरीले स्वरों का साधक हूं मै,
बेसूरापन मुझे कभी पसंद नहीं,
बेसूरापन को दूर करने के लिये मै,
कठिन स्वर साधना छोडता नहीं।
किसी का करुण राग सूनकर मै,
प्यार बहाना कभी भूलता नहीं,
करुण माहोल को हटाने के लिये मै,
बसंत बहार बजाना भूलता नहीं।
सुर की गहरी साधना में डूबकर मै,
मेरी निर्मलता कभी छोडता नहीं,
"मुरली" पर मधुर स्वर बजाकर मै,
नाद ब्रह्म की मर्यादा तोडता नहीं।