ये रंग नया.....
ये रंग नया.....
रंग बिरंगे रंग ले आया जी ये होली का त्यौहार,
हर साल में आता है ये एक बार।।
जीवन में खुशियों का रंग ले आता है ये,
सबको एक ही रंग में रंगता है ये।।
जीवन की सारी खुशी झोली मे भर देता है,
सारा दर्द भांग में मिलाकर पी जाता है।।
सत्य की असत्य पर, अच्छाई की बुराई पर जीत ले आता है ये,
सारे पापों को अग्नी में जलाकर भस्म कर देता है ये।।
कितना प्यारा, रंगीन त्यौहार है ये होली का,
लगता है आए साल में बार बार,न मन भरे किसी का।।
किसी को सच्चाई का,किसी को अच्छाई का अर्थ बताता है,
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अलग अलग रंगों में भी प्यार का रंग सिखाता है।।
कितना सुंदर है, बच्चोंको बड़ा ही लुभाता है,
बड़े बूढ़ों को भी,ये फिर से बचपन याद दिलाता है।।
सभी रंगों से भरा, अनोखा त्यौहार आया है,
गली मोहल्लों में ये ढोल नगाड़ों संग खुशिया लाया है।।
हम सब अलग होकर भी इन रंगों की तरह एक रंग में मिल जाए,
न रहेगा ये रंग - भाषा का बोलबाला,विविधता में भी एकता हम ले आएं।।
चलो करे मिलकर ये प्रण,कुछ बातें इन रंगों से भी सीखें,
सब मिलकर मनाए खुशियां,नया भविष्य हम सब आओ मिलकर अपने हाथों से ही लिखें.....।।