उसकी आँखों में शरारत है
उसकी आँखों में शरारत है
उसकी आँखों में शरारत है,
अगर देख लो तो आफत है।
प्यारी बांहों की गिरफत है,
छोटी मोटी सी हरकत है।
दरिया से गहरे ख्यालों में,
लहरों सी उठती उल्फत है।
भावों से भरता खाली मन,
यूँ मन में बेशक नफरत है।
उठते बैठते हो तुम दर दर,
इन्हीं बातों की कुल्फत है।
आते जाते हो किन राहों में,
मेरी नज़रों से अपगत है।
तेरी मेरी जब से उलझन है,
हालत खस्ता सी अपहत है।
भय सा छाया है मन में ऐसे
खो ना जाओ ये दहशत है।