STORYMIRROR

V. Aaradhyaa

Inspirational

4.5  

V. Aaradhyaa

Inspirational

प्रेम में...

प्रेम में...

1 min
9


प्रेम में 

बहुत लोगों को देखा,

अपने नाम के साथ लगाते हुए,

दूसरे का नाम।


कभी मूल नाम,

तो कभी उपनाम।


लेकिन प्रेम में डूबे हुए लोगो को देखा,

अपना नाम मिटाते हुए,

दूसरे का नाम,काम

रंग स्वाद सब कुछ अपनाते हुए।


राम को देखा,

राम से सीताराम होते हुए ।

कृष्ण को देखा

राधा कृष्ण बनते हुए ।


शायद प्रेम की कई स्तिथियां होती हैं,

तभी 

प्रेम में होना,

प्रेम में खोना,

प्रेम में रहना 

और प्रेम में डूबना


सभी में स्तिथि में,

होती हैं अलग अलग अनुभूति,

तभी फ़र्क नहीं पड़ता कि,

प्रेम में जड़ हो 

चेतन हो

या कोई भी मूर्ति।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational