सांवली सलोनी मेरी बेटी
सांवली सलोनी मेरी बेटी
स्वच्छ,निर्मल मन है उसका,बहुत वह भोली है
सदा करती है वह प्यारी बातें, दिल नहीं दुखाती है
सब काम में रहती आगे, बोले जो कर के दिखाती है
साँवली- सलोनी मेरी बेटी, सारे जग से निराली है l
हर पल हंसती रहती है और सबको हंसाती है
सर में मेरे दर्द हो तो, मेरा सर भी वो दबाती है
के लिए बाग से वो ,फूल चुन लाती है
साँवली - सलोनी मेरी बेटी, सारे जग से निराली है l
करती है वह सब की मदद,नहीं किसी को सताती है
हर मुसीबत का सामना करती, नहीं कभी घबराती है
कोई कुछ गलत करें तो,अच्छा सबक उसे सिखाती है
साँवली - सलोनी मेरी बेटी,सारे जग से निराली है l
मनपसंद चीजें पाकर वह, खुशी से खूब इठलाती है
अपनी मधुर आवाज में, सुमधुर गीत गुनगुनाती है
जहां भी वह जाती है,खुशियां ही खुशियां फैलाती है
साँवली - सलोनी मेरी बेटी,सारे जग से निराली है l
बड़े हो या बच्चे हो सबका सम्मान वो करती है
नहीं कभी किसी से झगड़ती, मिल - जुल के रहती है l
जहाँ कही भी वह जाती, स्वच्छता, अनुशासन सदा अपनाती है
सलोनी मेरी बेटी, सारे जग से निराली है l
