मां
मां


मां जब आप हमारे पास थीं।
तब हम मचल लिया करते थे।
तब हम रूठ लिया करते थे
तब हम खिलखिला लेते थे।
तब खाने में स्वाद लेेेते थे
तब निश्चिंत नींद में खो जाते।
तब हमारी सफलता पर दीवाली होती
तब घर का एक ध्रुव होता।
जिस पर हम सब बंधे होते
तब घर पर रिश्तों की रौनक होती।
तब थकान दूर हो जाया करता
तब हम बच्चे थे, आपके जीवन थे।
आप हमरी उदासी पर तड़प जाती
मां हमसे दूर नहीं हो सकती
मां हमारे दिलो में समाई हैं।