माँ
माँ
ममता की मूरत, प्यारी सी सूरत,
लबों हंसी, आंखों में बसा जिसके प्यार है।
पलकों की छाया, कोमल है काया,
सख्त है कभी, उसकी बच्चों में बसती जान है।
सबसे प्यारी, माँ है हमारी,
उसके होने से घर में उत्सव का माहौल है।
भूल ना जाना माँ को अपने तरक्की के बाद,
क्यूंकि उसी के वज़ह से तो ये शान है।
चाहिए उसे कुछ नहीं बदले में,
बस प्यारा उसे अपना आत्मसम्मान है।
